स्वामी मौर्य ने ढूंढा नया सियासी ठिकाना?
चंद्रशेखर आजाद संग मुलाकात के बाद अटकलें तेज
। उत्तर प्रदेश का अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होना है, लेकिन सूबे में अभी से रणभेदी बज चुकी है। समाजवादी पार्टी जहां अंदरखाने तैयारी कर रही है तो बीएसपी प्रमुख मायावती भी हमलावर हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस पार्टी भी रणनीति बनाने में जुटी हैं। इनसब के बीच एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसने प्रदेश की राजनीति में बड़े उलटफेर के संकेत दिए हैं। ये फोटो आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की है, जो एक-दूसरे से हाथ मिलाते हुए दिख रहे हैं।
कहा जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर नया सियासी ठिकाना ढूंढ लिया है, इस बार वो अपने नए साथी के साथ यूपी में सियासी जमीन तलाशने लगे हैं. चर्चा है पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य कोई चौंकाने वाला फैसला लेने वाले हैं! उन्होंने हाल ही में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद से राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि मौर्य अब अपने लिए नया राजनीतिक ठिकाना तलाश चुके हैं।
चंद्रशेखर आजाद और स्वामी प्रसाद मौर्य की यह बैठक लखनऊ में हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने काफी देर तक बंद कमरे में चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, यह सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट नहीं थी, बल्कि इसमें भावी रणनीति पर भी बात हुई है। माना जा रहा है कि 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए दोनों नेता एक साझा मोर्चा बना सकते हैं या फिर मौर्य, चंद्रशेखर की पार्टी ‘आजाद समाज पार्टी’ में शामिल हो सकते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक ‘दल बदलू’ नेता के रूप में भी पहचाने जाते हैं। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, फिर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और उसके बाद समाजवादी पार्टी में गए। अब जब उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया है, तो यह सवाल उठता है कि उनकी अगली राजनीतिक पारी कहां से शुरू होगी?
2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान मौर्य ने जमकर विवादित बयान दिए और हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों पर सपा लाइन से अलग जाकर बोलते रहे। इससे समाजवादी पार्टी को असहज स्थिति में आना पड़ा और अंततः उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली। उनके इन बयानों ने न केवल सपा को नुक़सान पहुंचाया, बल्कि बीजेपी को भी मौका दिया कि वह सपा को घेर सके।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो स्वामी प्रसाद मौर्य जल्द ही आजाद समाज पार्टी में शामिल हो सकते हैं। पार्टी नेतृत्व उन्हें उत्तर प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी देने पर विचार कर रहा है, जिससे राज्य में पार्टी के जनाधार को और मजबूत किया जा सके। सूत्र बताते हैं कि चंद्रशेखर आजाद गठबंधन के कुनबे में और नेताओं को जोड़ने के मिशन पर जुटे हैं। सूत्र बताते हैं कि वह आने वाले दिनों में हैदराबाद से सांसद ओवैसी से मुलाकात कर सकते हैं। साथ ही उन्हें गठबंधन में शामिल होने का आभर दे सकते हैं। जबकि ऐसी चर्चा है कि चंद्रशेखर आजाद सपा के कद्दावर नेता आजम खान को भी अपने पाले में लाने के प्रयास में जुटे हैं। सूत्र बताते हैं कि चंद्रशेखर आजाद विधानसभा चुनाव में बड़े गठबंधन के साथ उतर कर विपक्ष का खेल बिगाड़ सकते हैं।
इस संभावित गठजोड़ को 2026 पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा सियासी समीकरण माना जा रहा है
. स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हमारे और चंद्रशेखर आजाद के विचार एक जैसे हैं. हम दोनों सामाजिक बदलाव और मिशन के लिए काम कर रहे हैं. बीजेपी के खिलाफ 2027 के चुनाव में हम किसी भी दल के साथ खड़े हो सकते हैं. अभी दरवाजे खुले हैं, और जो हमारे विचारों से मेल खाएगा, हम उसके साथ चलेंगे.’
अगर मौर्य और चंद्रशेखर एक मंच पर आते हैं, तो यह उत्तर प्रदेश में दलित और पिछड़ा वर्ग के वोटबैंक को जोड़ने की एक नई कोशिश होगी। यह गठजोड़ बीजेपी, सपा और बसपा के लिए नई चुनौती बन सकता है, खासकर उस समय जब सभी दल 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।