“नेहा सिंह राठौर — जिनकी आवाज़ ने सत्ता से सवाल किए… अब क्या खुद सत्ता में बैठने की तैयारी कर रही हैं?”
“क्या नेहा सिंह राठौर अब राजनीति में कदम रखने जा रही हैं?” बिहार की सियासत में एक नया नाम चर्चा में है — लोकप्रिय लोकगायिका और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट नेहा सिंह राठौर। दरअसल, हाल ही में नेहा राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में लगातार नजर आईं। उनके भाषणों और बयानों से यह संकेत मिलने लगे कि शायद अब वह सीधे चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं। नेहा के बिहार के किसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज़ हैं, हालांकि अभी तक किसी राजनीतिक दल ने इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया है।
तो सवाल ये है— क्या नेहा सिर्फ जनता की आवाज़ बनी रहेंगी, या अब जनता की नेता भी बनेंगी?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नेहा का बढ़ता राजनीतिक झुकाव और विपक्षी मंचों पर उनकी सक्रियता उन्हें चुनावी टिकट का दावेदार बना सकती है।
हालांकि, अब तक किसी पार्टी ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन, उनके फॉलोअर्स और सोशल मीडिया पर यह चर्चा ज़रूर है कि बिहार की कोई सीट बन सकती है नेहा की अगली मंज़िल।
क्या नेहा सिंह राठौर लोकसभा चुनाव लड़ेंगी?
और अगर हां… तो किस सीट से?
सोशल मीडिया पर चर्चाएं गर्म हैं — कोई कह रहा है “सासाराम से लड़ेंगी”, तो कोई मान रहा है कि वो सिर्फ प्रचार तक सीमित रहेंगी। नेहा सिंह राठौर ने कई बार अपने बयानों में साफ किया है कि वो जनता की आवाज़ बनना चाहती हैं, लेकिन क्या अब वो जनता की नेता भी बनेंगी? उनकी कविताएं और कटाक्ष सत्ता के खिलाफ रहे हैं — चाहे वो सरकार हो या कोई भी पार्टी।
तो क्या वो किसी राजनीतिक पार्टी से खुद को जोड़ेंगी?
नेहा सिंह राठौर… वो नाम जिसने कोरोना लॉकडाउन में सत्ता से सवाल पूछे…
“बिहार में का बा” और “UP में का बा” जैसे गाने गाकर सत्ता की चूलें हिला दीं।
कभी ग़रीबी में पढ़ाई पूरी करने वाली लड़की, आज कवि सम्मेलनों से लेकर बड़े-बड़े मंचों तक की गूंज बन चुकी है। लेकिन अब चर्चा इस बात की है कि क्या वो कविता से संसद तक पहुंचने की राह पर हैं?
नेहा पिछले कुछ समय से लगातार विपक्ष के साथ दिखाई दी हैं। खासतौर पर राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में उनकी मौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए।
वो मंच पर बोल रही थीं,
🟠 वो यात्राओं में शामिल हो रही थीं,
🟢 और उनके सोशल मीडिया पोस्ट भी अब सरकार पर अधिक तीखे हो गए हैं।
अब सवाल ये है — अगर नेहा चुनाव लड़ती हैं, तो कहां से?
सासाराम — जहां से उनका सामाजिक जुड़ाव है।
आरा या बक्सर — जहां उनके गीतों का प्रभाव साफ दिखता है।
या फिर कोई सिम्बॉलिक सीट जो विपक्ष BJP के खिलाफ देना चाहता हो?
अभी तक किसी भी पार्टी ने औपचारिक ऐलान नहीं किया है।
लेकिन नेहा की बढ़ती नजदीकियां कांग्रेस के साथ दिखाई दे रही हैं।
नेहा ने हमेशा तटस्थ आलोचना की है —
UP सरकार हो या केंद्र, वो किसी से पीछे नहीं हटतीं।
लेकिन ये भी सच है कि
उनकी आलोचनाओं पर FIR दर्ज हुए, ट्रोलिंग हुई,
यहां तक कि “देशद्रोही” तक कह दिया गया।
नेहा के पीछे एक बड़ा वोट बैंक हो सकता है –
महिलाएं और युवा वोटर।
उनका अंदाज़ बेबाक है,
बोलने का तरीका तेज़, और
जनता की नब्ज़ पहचानने का हुनर कमाल का।
ये सारी चीज़ें उन्हें राजनीति में प्रभावशाली चेहरा बना सकती हैं