मैनपुरी
कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं—यानी बालक का भविष्य उसकी प्रारंभिक गतिविधियों से ही झलकने लगता है!
इसी को चरितार्थ करता हुआ एक संगठन तेजी से अपने पंख फैला रहा है! मैं बात कर रहा हूँ मैथिल विप्र अधिकार मंच की!
यह संगठन न केवल मैथिल ब्राह्मण समाज के सेवाभावी लोगों को एकजुट करने में सक्रिय है,बल्कि विभिन्न राजनीतिक दलों के धुरंधर नेताओं को भी साथ लाने में सफल हो रहा है!
इससे समाज में एक स्पष्ट संदेश जा रहा है कि जब समाज के अस्तित्व की बात आएगी,तो हम सब एकजुट होकर खड़े होंगे! यह संगठन केवल सतही तौर पर ही सीमित नहीं है,
बल्कि लोगों की वास्तविक समस्याओं को समझने और उनके दरवाजे तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है!
ऐसा ही एक उदाहरण उस समय देखने को मिला जब मैथिल विप्र अधिकार मंच के संस्थापक श्री रामानंद झा,राष्ट्रीय प्रमुख सचिव (समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव) श्री राकेश उपाध्याय, राष्ट्रीय सचिव श्री राकेश शर्मा, दिनेश शर्मा,प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र शर्मा,मैनपुरी जिला अध्यक्ष श्री कौशल किशोर शर्मा, श्री सुशील शर्मा,श्री अजय शर्मा, श्री कैलाश शर्मा,और श्री सतेंद्र भारद्वाज के साथ पीड़ितों से मिलने पहुंचे!
इस मौके पर मैथिल विप्र अधिकार मंच के युवा प्रदेश अध्यक्ष श्री सत्य भान झा भी अपने कुछ पदाधिकारियों के साथ उपस्थित थे!
ये सभी हमीर खेड़ा पहुंचे थे,जहां यादव समाज के कुछ लोगों द्वारा मैथिल ब्राह्मण समाज के लोगों पर दबंगई की गई थी!
दोस्तो मूल मुद्दा यह नहीं है कि संगठन के पदाधिकारी वहां गए और क्या किया असल बात यह है कि मैथिल ब्राह्मण समाज के लोगों में अपने भाई की पीड़ा को महसूस करने की अब जागरूकता बढ़ रही है!
हम चाहे जितनी दूर रहें,संगठन का उद्देश्य यही है कि हम अपने भाई की तकलीफों में उसके साथ खड़े हों और उसे न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करें!
मुझे पूरा विश्वास है कि यही सिलसिला एक दिन एक बड़े सामाजिक क्रांति का रूप लेगा!
इस महत्वपूर्ण अवसर पर मैं भी उपस्थित रहा!-प्रमोद झा मैथिल
खबर एक्सपर्ट
रिपोर्ट:-अजय कुमार
मैनपुरी













