आज का दिन भारत के इतिहास में ब्बहुत ही महत्वपूर्ण हैं,, भारत के लोगों की बोली जान वाली राष्ट्रीय एवं प्रिय भाषा हिंदी जिसे आज बड़े पैमाने पर मनाया जाता है इस दिन की एक अलग ही भूमिका है,, इसका एक अलग ही महत्व है..
आपको बता दें की देश में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है।apko bata dein ki हिंदी दिवस एक बार नहीं बल्कि साल में दो बार मनाया जाता है। पहला 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिन्दी दिवस, जबकि दूसरा 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को प्रोत्साहित करना है और लोगों को इसके महत्व के प्रति जागरूक करना है। हिंदी भाषा भारत की अधिकांश जनसंख्या की मातृभाषा है और यह भारत की सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?जानने के लिए सबसे पहले हिन्दी दिवस के इतिहास पर नजर दाल लेते हैं ,,
संविधान निर्माताओं ने हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे संविधान में जगह दी। भारतीय संविधान में भाग 17 के अनुच्छेद 343 (1) में कहा गया है कि राष्ट्र की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। इसके बाद 14 सितंबर के दिन को चुना गया और इस दिन हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
हिन्दी दिवस का इतिहास जानने के बाद अब हम ये जानते है की ये क्यों मनाया जाता है
1953 में, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में हिन्दी को भारत की राजभाषा बनाने का निर्णय लिया था। इसके परिणामस्वरूप, हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य था हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देना और भाषा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाना। यह दिन ब्योहर राजेंद्र सिम्हा जी की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्होंने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए अथक प्रयास किया था।