हरियाणा में मिली करारी हार के बाद चंद्रशेखर ने भाजपा और RSS को लिया आड़े हाथों
कॉमन एजुकेशन,स्वास्थ पॉलिसी, और रोजगार पर सरकार से मांगा जबाब
मोहन भागवत के बयान पर किया पलटबार,
बोले जातिबिहीन समाज के लिये मचं से नहीं गांव गांव जाकर करें जागरूक,
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद जी इस वक्त हमारे साथ हैं उनसे बात कर लेते हैं हरियाणा में तो दावे थे कि चाबी हमारे पास है सत्ता की लेकिन बीजेपी ने तो वहां पर सबकी जमानत जपत करवा दी
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने मीडिया के सवाल पर हिरयाणा में आये चुनावी परिणामों पर बोलते हुए जबा दीये, उन्होंने कहा देखिए यह सच है कि, बीजेपी को वहां पूर्ण बहुमत जनता ने दिया है, विपक्षी पार्टियों ने उनके मैंडेट पर सवाल भी खड़े किए हैं ,ईवीएम को लेके और भी कई तरह के सवाल प्रसासन पर खड़े कई हैं ,लेकिन इसी बीच उन्होंने कहा वोटों की गिनती स्लो, की गई और ,एडमिनिस्ट्रेशन पर सरकार द्वारा दबाव बनाया गया, उन्होंने कहा कि हमने अपनी बात को जनता के बीच ले जाने का पूरा प्रयास किया, जनता को समझाने का पूरा प्रयास किया, जनता ने हम पर कम भरोसा दिखाया, हमें और मेहनत करनी चाहिए, ज्यादा मेहनत करके ज्यादा जन समस्याओं पर आवाज उठाकर, जनता को अपने खेमे में करना चाहिए था,
यह कुछ घंटों में, कुछ दिनों में, नहीं होता मैंने यह भी महसूस किया संगठन में कमजोरी भी थी , अब हम गलतियों से सीख लेकर सुधरने का काम करेंगे, क्योंकि यह कोई हमारा आखिरी चुनाव ,नहीं और ऐसा भी नहीं कि हम 10 चुनाव हरियाणा में लड़ चुके हैं , ये हमारा पहला चुनाव हैं ,जहां से हमने हरियाणा की जनता के विचारों और उनके व्यवहार से बहुत कुछ सीखा हैं,और इसके बाद और अच्छे ढंग से हरियाणा की धरती पर काम करेंगे,और वहां की जनता के लिये लगातार सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करेंगे,
चंद्रशेखर ने कहा की हम चाहते हैं, हरियाणा में भी आजाद समाज पार्टी ताकतवर हो , जिस विषयों की राजनीति, आजाद समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में, या अन्य प्रदेशों में कर रही ,उन विषयों पर वहां भी चर्चा हो ,
चंद्रशेखर ने सरकार की शिक्षा प्रणाली और स्वास्थ व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहाँ, मैंने कई बार कहा कि कॉमन एजुकेशन पॉलिसी लागू होनी चाहिए, समान शिक्षा जिससे अमीर और गरीब, बड़े और छोटे के आधार पर, कोई बंटवारा ना हो, सब लोग सरकारी स्कूल में बैठकर अच्छे से पढ़ाई करें, क्योंकि बिना शिक्षा के कोई तरक्की संभव नहीं है ,और समान हेल्थ पॉलिसी हों ,चाहे राष्ट्रपति हो ,प्रधानमंत्री हो, चाहे विधायक हो, चाहे मुख्यमंत्री हो, चाहे सांसद हो, चाहे गांव के सरपंच हो, चाहे प्रमुख सचिव से लेकर
किसी भी अधिकारी के बच्चे हो, थानाध्यक्ष ,से लेकर एसडीएम कानूनगो ,तहसीलदार जितने भी सरकारी विभाग हैं ,उन सबका बीमार होने पर, और उनके परिवार का इलाज सरकारी अस्पताल ,में होना चाहिए, जिससे महंगाई के दौर में ,लोगों की जेब कटाई भी बंद हो जाएगी और , दूसरी तरफ नौजवानों को रोजगार मिले,उद्योग धंधे लगें, जिससे जो है पढ़े, लिखे बेरोजगार, नौजवानों का ख्याल रखा जा सके और नौकरी मिल सके ,
गरीबों को आगे बढ़ने ,के अवसर दिए जाए, इसी बीच चंद्रेशखर ने कहा किन महिला सुरक्षा हो ,या किसानों को एमएसपी गारंटी हो सबको सरकार मुहैया कराये , वहीं उन्होंने कहा की ,न्यूनतम वेतन और आरक्षण को लेकर हमने 11 तारीख को एक बड़ा आंदोलन भी किया, और सरकार को अपने तमाम फैसलों पर वापसी करनी पड़ी हैं, और हरियाणा तो अभी शुरुआत आगे बहुत सारा काम करना हैं ,
वहीं मीडिया कर्मी से सवाल पूछा की आप जे .जेपी के अलाव किसी और के साथ हिरयाणा में गठबंधन होता तो फायदा रहता क्या ?
चंद्रशेखर ने कहा जो बीत गया, अब उस पर क्या सोचना, और हम फायदे,नुकसान के नहीं ,जनता की आवाज बनने के लिए,लड़ाई लड़ रहे हैं, और जब भी सरकार कुछ गलत करेगी, या किसी को कोई परेशानी होगी, तो उनकी आवाज सड़कों से उठाएंगे ,और ये काम हम बहुत पहले से करते आए हैं, तो उसी काम को फिर से करेंगे ,लेकिन हां,हरियाणा से मैंने सीखा कि हरियाणा के लोग बहुत सीधे सच्चे हैं, और हरियाणा में बहुत तरह का जो है नैरेटिव गड़ा जाता है,तो उसको आप तभी तोड़ सकते हैं, जब आपका का संगठन मजबूत हो, तो हम आगे मेहनत करेंगे अपने ऊपर और भरोसा करेंगे,जमीन पर जाकर लोगों की आवाज उठाएंगे
,और भविष्य के चुनाव में जो सीख वहां से लगी है, उनको ध्यान में रखकर काम करेंगे अब ,
उत्तर प्रदेश में भी 10 विधानसभा सीटों पर, उपचुनाव होने हैं आपकी पार्टी ने लगभग कई,सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दी हैं,
तो क्या कुछ तैयारी रहेगी जो हरियाणा में ,हुआ उसका असर तो नहीं पड़ेगा
वहीं मीडियकर्मी ने उत्तर प्रदेश के 10 सीटों पर उप विधानसभा चुनाव के बारे में पूछा ,कि हरियाना की हार का असर यूपी में देखने को मिलेगा क्या ?
चंद्रशेखर ने जबा देते हुए कहाँ ,देखिए मैं,फिर आपसे कहूंगा आपको याद होगा 2022 का विधानसभा चुनाव,या फिर भारत का 2024 का लोकसभा चुनाव हो उसका परिणाम बताता हैं की जनता कैसे बदलाव कर देती हैं , और प्रत्येक जगह अलग अलग समायें हैं और जनता के अनुसार हैं जैसे हमारे इस क्षेत्र में गन्ना के रेट की समस्या हैं उनको लगातर हम उठाते रहेगें , क्योकिं किसानों को मील से, समय पर,पैसा नहीं मिल रहा है, पूरा पैसा नहीं मिल रहा है ,और यहां पर आबादी बहुत ज्यादा है, तो यहां मजदूर परेशान है, ,यहां पढ़े लिखे नौजवान बीएड के बच्चे परेशान है,बीटीसी के कोई भर्ती नहीं आ रही है, शिक्षा विभाग में जो पहले भर्ती आई थी, उनमें घोटाले हो गए हैं, उनमें पेपर लीक का मामला आपको आज भी याद होगा ,पुलिस की भर्ती का पेपर लीक हुआ था जब,आवाज उठाई सीएम मना करने लगे ,कि ऐसा कुछ नहीं हैं , लेकिन बाद में उस बात को स्वीकार करना पड़ा,
उन्होंने कहा की उत्तर प्रदेश की राजनीति, वह अलग तरह की राजनीति है, हम लोग कोशिश करेंगे कि उत्तर प्रदेश में, बहुत बेहतर रिजल्ट आजाद समाज पार्टी दे ,इसके लिए हमारे कार्यकर्ता हमारे नेता ,भीमा आरमी, आजाद समाज पार्टी के लगातार मेहनत कर रहे हैं, और उन्होंने मेहनत करके इस जमीन में बल तैयार किया है,
मीडियाकर्मी ने सवाल पूछा की यूपी के उप चुनाव में अकेले चुनाव लड़ेंगे या अलायंस से लड़ेंगे
चंद्र शेखर का कहना था की ,देखिए मैं तो बहुत कुछ चाहता था, लेकिन पार्टी के कुछ इंटरनल डिसीजन है,पार्टी के स्टेट कमेटी के डिसीजन और मैंने,आपको कई बार कहा आपके चैनल के माध्यम से कि, हमारे यहां स्टेट कमेटी को प्राथमिकता दी जाती है, जो लोग फील्ड में काम कर रहे हैं ,विधानसभा, जिले ,प्रदेश, मंडल में जो लोग काम कर रहे हैं, उनके अनुसार काम होता हैं , जो में चाहूँ वो संभव नहीं हो पायेगा , क्योंकि ,स्टेट की टीम ने अपने तरीके से जो मेहनत करती हैं ,पार्टी कार्यकर्ता मेहनत करते हैं उनके अनुसार भी निर्णय लिया जाता हैं ,
आपने देखां हैं की हमने जो मेहनत की है ,पिछले 2022 से और अब तक, दो साल में हम कहां खड़े हैं, और हमें आगे कितनी मेहनत की जरूरत है ,तो उसका सही आकलन तभी होगा, जब हम अपने बलबूते पर चुनाव लड़े, क्योंकि अगर हम किसी के साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं ,तो आकलन नहीं हो सकता है, जैसे आप हरियाणा के लिए पूछ रहे थे, कि ऐसा होता तो तो क्या होता, तो अपने बलबूते पर हमारा संगठनात्मक स्थिति कैसी है, हमारे सेक्टर, वूथ की जो मेहनत है, वो कैसी है, जो भाईचारा हमने एसी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी के लोगों में ,बनाया मुस्लिम भाईचारा बनाया वो उसकी स्थिति कैसी है, इन सबका पता तभी लगेगा, जब हम अपने बलबूते मैदान में जाएंगे, और हमारे कार्यकर्ताओ को मौका मिलेगा, अपनी मेहनत करने का ,और जन समर्थन हासिल करने का
मीडिया के एक सवाल पर उन्होंने कहा बसपा और तमाम सारी राजनीतिक पार्टियां मैदान में हैं ,सब लडते हैं और सत्ता धारी पार्टी भी चुनाव् लड़ेगी ,जो जनता और समाज के बीच मेहनत कर लेगा उतना ही समर्थन उन्हें मिल जाएगा ,
नरसिंहानंद का बयान आया था आपने देखा होगा उस पर काफी होला हुआ है हालाकि एक्शन भी हुआ है, उनके ऊपर क्या कहेंगे आप
मीडिया कर्मी ने गाजियाबद सिथति डासना देवी मंदिर के महंत नरसिंहानंद के ब्यान पर प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने कहाँ ,
देखिए गलत है उनका बयान, और मैं समझता हूं, कि इस तरह के जो यह जो छुट भैये लोग हैं, यह अपने आप को हाईलाइट करने के लिए इस तरह के बयान देते हैं, जैसे मैं यहां से जमीन से सूरज पर कोई पत्थर फेंक तो, ऐसा थोड़ सूर्य का ताप कम हो जाएगा ,तो किसी भी इष्ट के ऊपर ,अपमान करने से उनका अपमान नहीं होता है, यह तो हमारी जबान है, कि हम अपने मन मुह से कुछ भी कहते हैं लेकिन कर्मों के आधार पर समाज ने,महापुरुषों का चयन किया है ,पीर पैगंबर का चयन किया, ऐसे नहीं किया है कि, किसी को भी पीर पैगंबर मान लिया गया,
जिन आदर्श चलकर उन्होंने बहुत बड़े काम किए ,और मैं तो यह भी कहूंगा किसी भी धर्म के इष्ट ,पर टिप्पणी करना चाहे वह सनातन के हो, चाहे वह इस्लाम के हो ,चाहे वह क्रिश्चन के हो ,चाहे वह बुद्धिस्ट के हो, और चाहे वह जैनों के हो किसी भी धर्म के इष्ट, पर टिप्पणी करना उनको अपमानित करने की , नजरी से ठीक नहीं है, मैं इसका समर्थन नहीं करता,
मैं ऐसे हर व्यक्ति की के खिलाफ सख्त कारवाई की मांग करता हूं, जो इस तरह के कार्य करते हैं, और मैं सरकार से कहूंगा ,भविष्य में वह इस तरह से जो है कारवाई करें, कि दोबारा कोई इस तरह की ी टिप्पण, घटिया मानसिकता निजी स्वार्थ या अपने आप को चमकाने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग ना करें, जिससे कि माहौल खराब हो, जिस तरह का माहौल इस बयान के बाद बना, स्थिरता बनी, उससे नुकसान हुआ आम जनमानस को ,और आपसी भाईचारे को, ये नहीं होना चाहिए ,
एक ,बयान भी काफी चर्चाओं में है , बटोगे तो कटेंगे, तो ये मुख्यमंत्री का राजनीतिक बयान है, अब आरएसएस प्रमुख का भी आया है, भागवत जी का और ठीक है तो बांटा तो उन्हीं लोगों ने है ,जिन लोगों ने इस सनातन धर्म की व्यवस्था ,में ऊंच नीच की भावना पैदा की है,छोटे बड़े की भावना पैदा की है, किसी को मंदिर में जाने से रोकते हैं, किसी को मूछे रखने पर मारते हैं ,किसी को घोड़ी बैठने में मारते हैं ,मैं तो इनसे कहूंगा कि इनको जाकर समाजिक में गैर बराबरी खिलाफ ,आंदोलन चलाना चाहिए ,मंचों पर बैठकर बयान देने की बजाय ,अभी आपने देखा उत्तर प्रदेश में एक हिंदू एमएलओ को , एक हिंदू ने ही पीटा ,
जाति धर्म के आधार पर ऊंच नीच की व्यवस्था आपने पैदा की है, जाति के आधार पर अपमानित करने का काम आपने किया है, जाति के आधार पर लोगों का शोषण करने का काम आपने ने किया, तो आप किस आधार पर कह दोगे बंटेंगे तो कटेंगे, यह चुनावी नारा है, अगर इसका इसमें जरा सा भी सच होता, डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर को बौद्ध धर्म, को नहीं अपनाना पड़ता , क्योंकि इस व्यवस्था में ऊंचे पायदान में बैठे लोगों, ने इस व्यवस्था में ,परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया ,जिस पर आज चर्चाएं होने लगी है ,
मैं तो मोहन भागवत जी से ,कहूंगा कि मैं उनका सहयोग करूंगा, अगर वह जाति बिहीन समाज के स्थापना के लिए ,सरकार को आदेश करें और देश के प्रधानमंत्री कहे, कि देश में जितनी जातियां है ,उन जातियों को डिस्ट्रॉयड कर दिया जाए, मानव मानव एक समान होगा ,सब लोग भारतीय होंगे ,इनकी उस पहल का मैं समर्थन करूंगा ,अगर भागवत जी इस तरह सरकार को आदेश देते हैं, और देश की सरकार भाजपा जो कहती हैं, बांटोगे तो कटेंगे, अगर वह इस व्यवस्था को बटने, कटने को रोकने के लिए ,और अगर वह जाति बिहीन समाज, यानी कि जातियों को खत्म करने की मुहीम चलाती है ,तो भी हम उनके साथ इस काम में हाथ बंटाएंगे
चंद्रशेखर से उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा ,कल आपने देखा होगा लखनऊ में जब अखिलेश यादव जेपी एनआईसी रोका गया, काफी हंगामा हुआ है, तो ये कैसे देख सकते हैं ,इस तरह से बहुत बड़े वंचित वर्ग की तरक्की को, भी रोका गया व्यवस्था के आधार पर और मैं
,कहता हूं जितना आप किसी को रोकेंगे उतना,जो एक विरोध पैदा होगा और यह जो ओछी राजनीति है, रोकने की मैं इसका समर्थन नहीं करता ,सभी को अधिकार है कि वह ,देश का गौरव बढ़ाने वाले गौरवशाली जो इतिहास है उसमें गौरव बढ़ाने वाले जो व्यक्तित्व है उनका सम्मान और उनकी ,तिथियों पर आयोजन करें और उसमें किसी को रोकना जो है ठीक नहीं है,