करहल/मैनपुरी
भारत के महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती करहल स्थित संत विवेकानंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बड़े ही हर्षोल्लास और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के निदेशक डॉ.जे.पी.यादव एवं प्रबंधक श्रीमती सरिता सिंह द्वारा चंद्रशेखर आजाद के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन करते हुए की गई। इसके बाद विद्यालय प्रांगण में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को आजाद जी के जीवन पर प्रेरणादायक जानकारी दी गई।
डॉ.जे.पी.यादव ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले की भाभरा तहसील में जन्मे चंद्रशेखर आजाद ने कम उम्र में ही देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेना शुरू कर दिया था।
मात्र 15 वर्ष की आयु में उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया और पहली बार गिरफ्तार हुए,जब उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और नाम पूछा गया तो उन्होंने साहसपूर्वक कहा—
“मेरा नाम आजाद है, पिता का नाम स्वतंत्रता और पता जेल है।”
यही से उनका नाम चंद्रशेखर ‘आजाद’ पड़ गया। उन्होंने बताया कि मात्र 24 वर्ष की उम्र में जब इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया,तो उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया बल्कि अपनी कनपटी पर गोली मारकर शहीद हो गए। यह उनकी देशभक्ति और बलिदान की अनोखी मिसाल थी।
विद्यालय की प्रबंधक श्रीमती सरिता सिंह ने भी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें चंद्रशेखर आजाद के जीवन से प्रेरणा लेकर अन्याय और अत्याचार के खिलाफ डटकर खड़ा होना चाहिए। उनका जीवन हमें साहस, त्याग और देशभक्ति की सीख देता है।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य चंद्रजीत यादव,बृजेंद्र कुमार,धर्मेंद्र कुमार, सुधीर,सोनी,सुरेंद्र,महावीर सिंह सहित समस्त शिक्षकगण और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने चंद्रशेखर आजाद को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
रिपोर्ट-अजय कुमार
खबर एक्सपर्ट
मैनपुरी












