क्या सीएम योगी आदित्यनाथ छोड़ेंगे यूपी की सत्ता,मठ जाने की कर रहे हैं बात
योगी की चेतावनी से मचा हड़कंप,सोच में पड़ गए मोदी शाह और नड्डा
10 दिन में 10 बयान, खड़ा कर दिया बीजेपी में तूफ़ान,
योगी सत्ता का गुलाम नहीं होता,बंटेंगे तो कटेंगे,एक रहेंगे तो नेक रहेंगे,जैसे बयानों ने मचा दिया तूफ़ान
योगी आदित्यनाथ एक ऐसा नाम, जिनके इर्दगिर्द बीजेपी की राजनीति घूमती है,यानी हिन्दू धर्म पर जमकर विपक्ष को घसीटने वाला, डंके की चोट पर गुण्डों को मिट्टी में मिलाने वाला व्यक्ति वो हैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ,
जिनके एक बयान से यूपी से लेकर दिल्ली तक तहलका मच जाता है, हाल के दिनों में उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर संशय बना हुआ है, कभी खबर आती है कि, योगी को यूपी की कुर्सी से हटाया जा सकता है ,तो कभी खबर आती है, यह मात्र एक अफवाह है, लेकिन कहते हैं ना, आग भी वहीं लगती है, जहां चिंगारी उड़ती है, अगर ऐसी अफवाह सामने आ रही है, कि योगी से यूपी की कमान छीनी जा सकती है, तो इसमें कहीं ना कहीं कुछ प्रतिशत ही सही, लेकिन सच्चाई तो होगी,
योगी के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार लोकसभा चुनाव के समय से ही शुरू हुआ था, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर कई विपक्षी दलों के नेता ने इस बात को बड़े जोरशोर से उठाया था, कि योगी आदित्यनाथ को उनकी कुर्सी से बेदखल कर दिया जाएगा, चुनाव के बाद बीजेपी आला कमान एक नए चेहरे की तलाश में है, जो योगी की जगह ले सके, लोकसभा चुनाव खत्म हुए, और रिजल्ट सामने आया, जिसने सभी को चौका दिया, यूपी में बीजेपी को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा,
इसके बाद से यह चर्चाएं जोर पकड़ने लगी कि अब आगे क्या होगा, इसी बीच लखनऊ में बीजेपी कार्य समिति की बैठक हुई, इसमें भी बीजेपी के अंतर कलह को साफ तौर पर देखा गया, ऐसे में योगी आदित्यनाथ को फ्रंट फुट से हटाकर बैक फुट पर करने की कोशिशों ने भी जोर पकड़ लिया, कई बार खबरें सामने आई कि हो सकता है, कि 2027 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ को बीजेपी अपना चेहरा ना बनाए, बार-बार योगी आदित्य के एक बयान ने भी इस बात को खूब जोर दिया, विधानसभा के सत्र के दौरान, योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ बारिश वाले मामले पर अपनी बात को रखते हुए मठ का जिक्र किया था,
इसके अलावा आपने देखा था, पिछले दो दिन पूर्व सीएम योगी कहते हुये नजर आये,एक संत और एक योगी सत्ता का गुलाम नहीं होता हैं,बल्कि बह अपने कदमों पर चलने को मजबूर करता हैं,
बाइट :सीएम योगी : योगी सत्ता का गुलाम नहीं
सीएम योगी यहीं नहीं रुके उन्होंने इससे पहले कहा बहनों भाइयों राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता ,और राष्ट्र जब सशक्त रहेगा जब हम एक रहेंगे नेक रहेंगे
बाइट :सीएम योगी : एक रहेंगे नेक रेह्न्गे
ये सीएम योगी के तमाम सारे वो ब्यान हैं जिह्नोने यूपी से लेकर दिल्ली तक की कुर्सी को हिला कर रख दिया हैं,यानी सोचने को मजूबर कर दिया हैं ,यूपी के सत्ता से बाबा का रहना उतना जरूरी हैं जितना भूखे व्यक्ति के लिये खाना खाना
आपने देखा होगा सीएम योगी कहते हैं ,जो प्रदेश के व्यापारी और बेटी की सुरक्षा में सेंद ,लगाने का काम करते हैं ,जो प्रदेश के अंदर अराजकता पैदा करके, सामान्य लोगों का जीना हराम करते हैं, मेरा दायित्व बनता मैं यहां नौकरी करने नहीं आया हूं, कताई नहीं, मैं यहां पर इस बात के लिए आया हूं, अगर व करेगा तो भुगतेगा का भी, फिर और इसीलिए मैं यहां पे आया हूं कि हम लोग उससे लड़ेंगे, यह लड़ाई हमारी सामान्य लड़ाई नहीं है, ये प्रतिष्ठा की लड़ाई भी नहीं है, मुझे प्रतिष्ठा प्राप्त करनी होती, तो मुझे इससे ज्यादा प्रतिष्ठा , अपने मठ में मिल जाती है, कोई आवश्यकता नहीं मेरे लिए ,लेकिन इस प्रकार के गुमराह बरे पथों को लेकर क्या बाते हैं, आप लोग बोलते हैं, इस प्रकार के अनावश्यक बातों की तरफ आप ध्यान आक आप इस प्रकार की चर्चाएं करते हैं,
बाइट :सीएम योगी छोटी से संसद वाली
इसके बाद एक बार फिर योगी आदित्यनाथ ने मट का जिक्र करते हुए सत्ता को लेकर बड़ा बयान दिया है
योगी आदित्यनाथ का बार-बार यह कहना कि सत्ता उनके लिए कोई मायने नहीं रखता, उनके लिए मठ के आगे सत्ता का कोई अर्थ नहीं है, कुल मिलाकर देखा जाए तो योगी आदित्यनाथ यह बताने की कोशिश कर रहे हैं,और एक मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं, कि यूपी की सत्ता के साथ-साथ उनके पास एक और कुर्सी है, वो है उनका मठ जिसके वह महंत है, राजनीतिक विशेषज्ञ भी मानते हैं, कि योगी का बार-बार मठ का जिक्र करना, एक मैसेज है, आला कमान के लिए, कि उनकी कुर्सी से उनको हिलाना एक बड़ी भूल हो सकती है, योगी बार-बार याद दिलाने की कोशिश करते हैं, कि बीजेपी में अगर कोई नेता सनातन और हिंदुत्व का चेहरा है ,तो वह है योगी आदित्यनाथ, यूपी में बीजेपी की वजह से नहीं, योगी की वजह से बीजेपी है,
लेकिन कई दिनों से लगातार सीएम योगी के बयानों ने भूचाल ला दिया हैं ,कई बार डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली की दौड़ लगाई,ब्रजेश पाठक ने भी इधर उधर बातचीत की,और तो और कई बार कार्यक्रमों में नोटिस किया गया की एक ही मच पर सीएम योगी और केशव प्रसाद मौर्य आने थे ,वो आगे पीछे आये और मीडिया ने जमकर सवाल खड़े किये











