जाती जनगणना पर टांग लड़ाई
बफ बोर्ड के मुद्दे पर टांग लड़ाई
और तो और जाति जनगणना के लिए सदन में खड़े हो गए
क्या अब चिराग पासवान बिहार के सीएम बनना चाहते हैं
आखिर बीजेपी के सहारे से चले चिराग पासवान को कैसे बिहार का सीएम बनने के लिए नई चाल चली है
देरशाल कुछ दिनों पुर आप सब ने देखा बाजेपी के हनुमान कहे जाने वाले चिराग पासवां ,कैसे बीजेपी के लिए बिभीसन बन गए,
यानी अब चिराग ने कर ली है, सबसे बड़ी तैयारी ,वह तीन इशारे जिसने कर दिया साफ, चिराग पासवान किसी भी सूरत में बीजेपी को नहीं करेंगे माफ़ ,चिराग पासवान को लगातार पीछे धकेलना की कोशिश की जा रही हैं ,ताकि चिराग मोदी सरकार के खिलाफ, सही तरीके से खुलकर ना बोल पाए, आरक्षण का मुद्दा हो या फिर जातीय जनगणना का मुद्दा लगातार चिराग पासवान दोनों पर खुलकर बोल रहे हैं, और बीजेपी को लग रहा है कि यही बात सीधे तौर पर चुभ रही हैं
चिराग पासवान का एक-एक कदम यह जता रहा है कि उन्होंने केंद्र की सत्ता में आने के बाद फ्रंट फुट पर खेलने का फैसला किया है लेकिन किसके खिलाफ राजनीति के खेल में है तो किसी ना किसी पोजीशन में खेलना तो है ही लेकिन सवाल बड़ा है किसके खिलाफ राजनीति का खेल अनोखा होता है जब तक चिराग पासवान केंद्र के सत्ताधारी गठबंधन एनडीए से दूर रहे तब तक खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते रहे लेकिन जैसे ही एनडीए सरकार में जगह मिली वोकल फॉर लोकल हो गए यह प्रधानमंत्री मोदी का दिया मंत्र है चिराग ने अपनी लोकल कंसीट के लिए इतने वोकल हो गए कि अब यह नारा देने वाले ही फंस रहे हैं चिराग ने एससी एसटी की जातियों में उप वर्गीकरण, वक्फ संशोधन विधेयक, लेटरल एंट्री, से केंद्रीय सचिवालय में भर्तियों के खिलाफ, आवाज बुलंद करने के बाद अब जाती जनगणना के पक्ष में बैटिंग करने लगे हैं, यूं तो उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध नहीं किया है,
तस्वीरें राजनीति में बोलतीं हैं आरोप ये लग रहा हैं, जिस तरीके का खेल चिराग पासवान के साथ किया गया, उसके बाद तो पक्का हो गया कि चिराग पासवान 24 घंटे के अंदर ही, भाजपा सरकार को सबसे तगड़ा झटका दे सकते हैं, और अपना समर्थन वापस ले सकते हैं ऐसा राजनीतिक माहौल इस बार बना दिया गया है, जिसके बारे में किसी ने कल्पना तक नहीं की थी वाकई में हर कोई हैरान रह जाएगा,क्योंकि राजनीती में एक बड़ा तूफान खड़ा हो सकता हैं,सूत्रों के मानें तो 24 घंटे में चिराग पासवान अपना इस्तीफा मोदी को सौंप देंगे
कुछ तस्वीरें ऐसी हैं जो राजनीति में आने वाले भविष्य को तय करती हैं ,जबकि ऐसी ही तस्वीरें आजकल भाजपा खेमे से वायरल हो रहीं हैं ,उन वायरल होती तस्वीरों को जरा गौर से देखिये जिसमें , चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ,और अमित शाह के बीच मुलाकात होते हुए नजर आ रही हैं , और बताया ये भी जाता हैं ,की कुछ दिनों पहले ही चिराग पासवान के चाचा, से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने मुलाकात की थी, जिसके बाद से चिराग पासवान का गुस्सा,सातवें आसमान पर पंहुचा गया ,राजनीतिक जानकार बताते हैं की ,चिराग पासवान लगातार बीजेपी से नाराज है,और कहा जा रहा हैं उनकी अकड़ निकलने के लिए बीजेपी सारे हथकंडे अपना रही हैं , उसके लिये बीजेपी ने चाचा से संपर्क साधा था
लेकिन अब चिराग पासवान का गुस्सा हाई हो गया ,क्योंकि अमित शाह से उनके चाचा ने मुलाकात कर लीं , जिसके तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है, जिससे सब पता चल रहा है कि कुछ तो बहुत बड़ा होने वाला है, बताया तो ये जा रहा है, कि बिहार में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की चर्चा, के बीच भाजपा नेताओं से यह मुलाकात हो रही है, माना जा रहा है कि बीजेपी पशुपति पारस की नाराजगी को दूर करने की कोशिश कर रही है, ध्यान रहे की लोकसभा चुनाव में सीट न दिए जाने के बाद पशुपति ,ने नाराजगी जताई थी, क्योंकि दूसरी तरफ चिराग पासवान को 5 सीटें मिली थी, लेकिन 5 सीटों पर चिराग पासवान ने सीधे तौर पर जीत दर्ज की थी ,
इसके बाद चिराग पासवान की ताकत अब कई गुना बढ़ चुकी है, और आने वाले विधानसभा चुनाव में पूरे तरीके से माहौल उनके पक्ष में बनेगा, और बिहार के मुख्यमंत्री भी वह बन सकते हैं, यही वजह है कि बीजेपी से अपने रास्ते को ,अलग करने की पूरी तैयारी कर रहे हैं चिराग पासवान,
बिहार में बदलती राजनीति में ,विपक्षी नेताओं की हां में हां मिलना चिराग पासवान को अब अच्छा लग रहा है, सबसे पहले उन्होंने अखिलेश यादव का पक्ष लिया था, और कहा था कि जातीय जनगणना जरूर होनी चाहिए, आपको बताएं कि जातीय जनगणना की बात पूरा विपक्ष करता आ रहा है, चाहे वह राहुल गांधी हो या फिर अखिलेश यादव, अखिलेश यादव ने तो साफ कह दिया था कि जातीय जनगणना होनी ही चाहिए, ताकि गरीब तबके के लोगों को ऊपर उठाए जा सके, वहीं दूसरी तरफ चिराग पासवान का भी यही मानना है चिराग ने साफ तौर पर कहा था, कि इस मुद्दे पर अगर कुछ भी गड़बड़ हुआ तो ठीक नहीं होगा,यानी चिराग की बीजेपी को सीधी निसीहत हैं , चिराग ने ओबीसी और एससी एसटी के लिए आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र सरकार के रूप की आलोचना की थी, उनका कहना है कि आरक्षण को कमजोर करने या इसे समाप्त करने से दिक्कत और ज्यादा बढ़ेगी और समाज में विरोध पैदा होगा,
लेकिन सवाल ये भाजपा के हनुमान कहे जाने वाले चिराग पासवान ,आज भाजपा के लिए बीभसेन का काम कर रहे हैं ,लेकिन सवाल ये क्या भाजपा को चिराग झटका दे सकते हैं ,
या फिर चिराग के चाचा पशुपति पारस का अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकत के मायने कुछ और हैं