उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सड़कों और फुटपाथों से अतिक्रमण हटाने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सड़कें और फुटपाथ जनता के लिए हैं, न कि निजी वाहन पार्किंग,दुकान बनाने,या अवैध निर्माण के लिए। बावजूद इसके,करहल नगर में प्रशासन और दुकानदार इन निर्देशों की अनदेखी करते नजर आ रहे हैं।
करहल के बाजार में अतिक्रमण की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। दुकानदार अपने सामान को फुटपाथ और सड़कों पर रखकर आवागमन बाधित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद,न तो प्रशासन सख्ती दिखा रहा है और न ही दुकानदार इन नियमों का पालन कर रहे हैं।
अधिकारियों और दुकानदारों की मिलीभगत?
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि बाजार में अतिक्रमण की समस्या केवल दुकानदारों की हठधर्मिता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रशासन की उदासीनता भी शामिल है। अधिकारियों द्वारा कई बार बैठकें बुलाई गईं,लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रशासन और दुकानदारों के बीच कोई सांठगांठ है?
नागरिकों की समस्याएं
1.स्कूली बच्चों और मरीजों की परेशानी जाम के कारण स्कूल और अस्पताल जाने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
2.आवागमन बाधित सड़कों पर सामान रखने से यातायात प्रभावित होता है,जिससे लोगों का समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद हो रही है।
व्यवसायिक नुकसान जिम्मेदार दुकानदार भी इस समस्या से परेशान हैं,क्योंकि जाम के कारण ग्राहक बाजार आने से कतराने लगे हैं।
सख्त कदम उठाने की मांग
नागरिकों और जिम्मेदार दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत अवैध अतिक्रमण करने वालों पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
बाजार में नियमित चेकिंग होनी चाहिए।
दोषी दुकानदारों पर जुर्माना लगाया जाए।
सड़कों और फुटपाथों को खाली करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
समस्या का समाधान ही सच्चा विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट संदेश है कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
करहल नगर के अधिकारियों और दुकानदारों को यह समझना होगा कि सड़कें सभी के लिए हैं। प्रशासन को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नियमों का पालन हो और जनता को जाम से राहत मिले।
खबर एक्सपर्ट
रिपोर्ट:-अजय कुमार
मैनपुरी