करहल/मैनपुरी
करहल क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन की हकीकत पूरी तरह से उजागर हो रही है। किशनी रोड स्थित नवीन उप मंडी स्थल के गेट के पास भारी मात्रा में गंदगी फैली रहती है। इस गंदगी को आवारा गाय और अन्य जानवर खा रहे हैं, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में स्वच्छता को बढ़ावा देने की कवायद की जा रही है,लेकिन करहल में यह अभियान सिर्फ कागजों तक सीमित दिख रहा है। जमीनी स्तर पर अधिकारी और कर्मचारी इस योजना की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मंडी स्थल के गेट के पास गंदगी का अंबार लगा रहता है। इसके चलते सड़ांध फैलती है और संक्रामक बीमारियों का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। वहीं,कई ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई का कार्य पूरी तरह ठप पड़ा है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी गंदगी का बोलबाला है।प्रशासन की उदासीनता
स्थानीय लोगों ने प्रशासन को कई बार इस मुद्दे से अवगत कराया,लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। किशनी रोड स्थित नवीन उप मंडी स्थल पर रोजाना हजारों लोग आते-जाते हैं। गंदगी की वजह से राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्वच्छ भारत मिशन की पोल खोलती तस्वीरें
प्रधानमंत्री मोदी का स्वच्छ भारत मिशन जहां एक ओर देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने का सपना दिखा रहा है,वहीं करहल जैसे क्षेत्रों में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही इस मिशन की असफलता की कहानी बयां कर रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, गंदगी के कारण डेंगू,मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। अगर समय रहते सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं।करहल में स्वच्छ भारत मिशन को सही मायनों में लागू करने की आवश्यकता है। जनता को जागरूक करने के साथ-साथ प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी ताकि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सके।
खबर एक्सपर्ट
रिपोर्ट-अजय कुमार
मैनपुरी