2000 हजार शूटरों के साथ हिन्दू गेंग बना रहा हैं लॉरेंस विश्नोई
कौन सी धारा के तहत अगस्त 2025 से पहले भारत के किसी राज्य की पुलिस, लॉरेंस को नहीं ला सकती अपने राज्य या कोर्ट
यूपी के बहराइच से क्यों जुड़ गया लॉरेंस का नाम,
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यूपी का बहराइच लॉरेंस और दंगा को लेकर चर्चा में बना हुआ हैं, आखिर क्या हैं पूरा मामला ,क्यों महज 18 से 25 साल के युवा लॉरेंस के गेंग में शामिल हो रहे हैं
भारत से लेकर कनाडा तक और पाकिस्तान से लेकर अमेरिका तक बस एक ही नाम लॉरेंस-लोरंस, क्या हैं लॉरेंस का इतिहास ,
क्यों लॉरेंस को किसी और राज्य की पुलिस साबरमती जेल से अगस्त 2025 तक बाहर नहीं ला सकती,
क्यों लॉरेंस गेंगे में यूपी के कम उम्र के युवा जरायम की दुनिया में दस्तक दे रहे हैं
लॉरेंस विश्नोई कैसे जेल में रहकर अपने शूटरों को करता हैं तैयार,
क्या हजारों शूटरों के साथ बनाने जा रहा हैं,हिन्दू संगठन ,
आईये बताते हैं बारी बारी से ,
क्राइम की दुनियां में अपने आपको को बादशाह बनाने के रेष में निकला 36 साल का एक युवा, जिसकी चर्चा आज विश्व के कई देशों में हैं ,लगलातार मीडिया पर वाइयरल हो रहा हैं वो हैं लॉरेंस,
जिसके सर पर 89 मुकदमे हो, 10 मुकदमों में जिसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए जरूरी हो, और 40 मुकदमे पहले से ही अदालत में चल रहे हैं, उस लॉरेंस बिश्नोई को पिछले 14 महीने से जेल से, कभी बाहर निकाला ही नहीं गया और ना ही अगले 12 महीने तक ,लॉरेंस बिश्नोई को हिंदुस्तान के किसी भी राज्य की पुलिस पूछताछ के नाम पर जेल से बाहर ला सकती है ,
दरअसल खुद गृह मंत्रालय ने एक धारा के तहत लॉरेंस विश्नोई को, ऐसा सुरक्षा कवच दे रखा है कि, अगस्त 2025 से पहले लॉरेंस बिश्नोई को अहमदाबाद की साबरमती जेल से बाहर निकाला ही नहीं जा सकता, पूरे देश में मौजूद कुल 1319 जेलों में से अगर किसी एक जेल पर सबकी निगाहे हैं तो वह हैं साबरमती जेल है,वैसे गुजरात में 16 जेलों में से साबरमती सेंट्रल जेल को सुरक्षा के मामले में भारत की सबसे बड़ी जेल माना जाता हैं , इस जेल में 10 कमरे हैं जिनमें से एक हिस्से में लॉरेंस रहता हैं तो दूसरे हिस्से में 2600 से अधिक कैदी बंद हैं
नौवें कमरे में लोरेंस पिछले 14 महीने से अकेले रह रहा, जब से लॉरेंस साबरमती जेल लाया गया है, तब से लेकर अब तक कोई भी बाहरी आदमी उससे नहीं मिला, इन 14 महीनों में ना कभी उसके घर वाले उससे मिलने आए, ना कभी किसी बाहरी शख्स को उससे मिलने की इजाजत दी, ना किसी और कोर्ट में पेशी के लिए व खुद जेल से बाहर आया, और तो और इन महीनों में आमने सामने कभी वह अपने वकील से भी नहीं मिल पाया,
लॉरेंस जेल में रहकर कैसे करता हैं शूटरों के फौज तैयार,कौन हैं इसके पीछे
लोरंस कैसे एक बड़े नेटवर्क को पुणे में कर रहा हैं था तैयार,
क्यों यूपी के लड़को की फौज उसके लिये हो गई तैयार
क्या किसी बदले की भावने ने इस एल गैंग की शुरुआत की हैं
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ये तमाम सारे सवाल हर किसी के जेहन में चल रहे हैं आखिर जेल में रहकर एक युवा कैसे इतने शूटरों से लिंक बना सकता हैं, इसके पीछे की एक बड़ी बजह निकलकर समाने आई हैं, जिसमें सबसे बड़ा नाम आता हैं लॉरेंस के छोटे भाई और उसके ग्रुप के गोल्डी बराड़ रोहित गोदारा अपना नेटवर्क बनाने में जुटे हैं,
यूपी का जिला बहराइच यह फिलहाल लॉरेंस की सबसे बड़ी ताकत बनके उभर रहा सच्चाई ऐसी है कि सलमान खान भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे,ATS की मानें तो उसके करीब 700 से ज्यादा शूटर हैं जिसमें 18 से 25 साल के युवा ज्यादा हैं, जो एक इशारे पर उसके लिए तैयार रहते हैं,
कुछ युवा लॉरेंस के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से प्रभावित होते हैं,और उसके नाम और काम से उसे भगत सिंह की उपाधि देते हुए नजर आ रहे हैं,और ऐसे प्रभावित युवाओं को लॉरेंस का गैंग सर्च करता हैं जिसने क्राइम की दुनिया में पहली बार कदम रखा हो,जिसके उदाहरण सिद्धू मुसेवाला गेंगे में एक गैगेस्टर युवा ने 6 गोलियां उसके शरीर में उतारी उस नाबलिक ने जुर्म की दुंनिया में पहली बार हत्या की थी, लॉरेंस के गेंग में कितने शूटर हैं और कितना बड़ा गेंग हैं उसका सही आकंड़ा किसी के पास नहीं हैं कुछ रिपोर्ट दावा करती हैं की 700 शूटर हैं तो कोई रिपोर्ट दावा करती हैं की 2000 हजार से अधिक शूटर हैं जो देश के अलग अलग राज्यों में सक्रिय हैं ,जिन्हें ats की तलाश जारी हैं
लॉरेंस बिश्नोई और विदेश में बैठा उसका खास गोल्डी बराड बिल्कुल किसी एक कंपनी की तरह लड़कों की हायरिंग करते हैं , खास गुर्गों से सिग्नल या किसी ऐप के जरिए ही बात करते हैं, और फिर यह गुर्गे अलग-अलग राज्यों में हायरिंग वाले टीम के पास पहुंच जाते हैं यही लोग शूटरों की भर्ती करते हैं जबकि वारदात के लिए रेकी की जाती है
और बताया जाता हैं शूट करने के बाद कैसे कहा छुपाया जाता हैं और फंसने पर उनके लिए कानूनी मदद मेहेया कराई जाती हैं, यानी सूत्रों की मानें तो लॉरेंस गेंगे एक कॉर्पोरट की तरह काम कर रहा हैं,यानी सवाल ये क्या इस गेंगे को तोड़ पाना मुंबई पुलिस को बड़ी चिनौती बनता जा रहा हैं,लेकिन इन सबके पीछे रोहित गोदारा का नाम सामने आ रही हैं,
रोहित गोदारा राजस्थान के बीकानेर (Bikaner, Rajasthan) के लूणकरण का रहने वाला है और उस पर गंभीर अपराध के करीब 32 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. वह पिछले लगभग 13 सालों से अपराध की दुनिया में जाना पहचाना नाम है. रोहित गोदारा राजस्थान में कारोबारियों से 5 करोड़ से लेकर 17 करोड़ तक की रंगदारी मांग चुका है. फिलहाल रोहित गोदारा विदेश में बैठकर व्हाट्सप के जरियर भारत में लोरंस का गैंग को चला रहा हैं,
बताया जाता हैं 2023 की शुरुआत में लॉरेंस सिद्धू मूसे वाला केस में भटिण्डा जेल में बंद था,दूसरी तरफ गुजरात की ATS, यानी ऐंटी टेरिरस्ट स्क्वायर की टीम एक ड्रग्स के मामले में जांच कर रही थी,14 सितम्बर 2022 को गुजरात एटीएस भारतीय तट रक्षक बल के साथ एक जॉइंट ऑपरेशन में कच्छ जिले में बंदरगाह के करीब एक पाकिस्तानी नव को पकड़ा था,
उस दौरान पाकिस्तानी युवक से 200 करोड़ रुपये की कीमत की हीरोइन बरामद हुई थी, जिसका कनेक्शन लॉरेंस विश्नोई से पाया जाता हैं ,इसके बाद दिल्ली के कोर्ट में लॉरेंस की पूछताछ के लिए गुजरात ATS की अर्जी की मंजूरी मिली और फिर 24 अगस्त 2023 को लॉरेंस बिश्नोई को भटिंडा जेल से गुजरात के नलिया कोर्ट ले जाया गया, बाद में कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में साबरमती जेल भेज दिया ,और बस 24 अगस्त 2023 से अब तक लॉरेंस बिश्नोई इसी साबरमती जेल में बंद है,
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो लॉरेंस पर कुल 5 राज्यों में 89 केस दर्ज हैं ,जिनमें ज्यादार धमकी,जान से मारने की कोश्शि,हत्या,किडनेपिंग जैसे हैं ,और नो मामलों में अलग अलग जेल से लॉरेंस बरी भी हो चुका हैं
आइये जानते हैं लॉरेंस को कौन सी धारा ने साबरमती जेल में कर दिया सुरक्षित
कैसे किसी भी राज्य की पुलिस पूछाताछ के लिए नहीं ले जा सकती बाहर
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अक्स्सर करके भारत के लोगों के दिमाग में एक ही सवाल रहटा हैं कैसे किसी भी राज्य की पुलिस लॉरेंस से पूछताछ सिर्फ साबरमती जेल में ही कर सकती हैं ,क्यों अलग नहीं ले जा सख्ती हैं
अगर वजह यह है कि साबरमती सबसे सुरक्षित जेल है, और यहां से लॉरेंस मोबाइल के जरिए अपने गैंग से संपर्क नहीं कर सकता, तो यह सीआरपीसी यानी आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा, 267 यह बताती है कि किसी अपराधी को मुकदमे के दौरान, कब कैसे और क्यों अदालत में पेश किया जाना है, हमारे देश की पुलिस मुलजिम को पकड़ती है ,और फिर उसे अदालत के सामने पेश करती है, अब गवाहों और सबूतों के आधार पर अदालत, यह तय करती है, कि पुलिस ने जिसे पकड़ा है ,वह गुनहगार है, या फिर बेकसूर ,यानी किसी भी जुर्म का फैसला ,अदालत की दहलीज के अंदर ही धारा 267 के तहत होता हैं
लेकिन 14 महीने से साबरमती जेल में बंद लॉरेंस को कौन सी धारा उसे जेल से बाहर नहीं निकलने दे रही हैं,ना ही पेसी के लिए ना ही वकील से मिलने दे रही हैं,देरशाल सीआरपीसी की धारा 268 लॉरेंस बिश्नोई का इस वक्त सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है हालांकि नई आईपीसी और सीआरपीसी में इस धारा का नाम और नंबर दोनों बदल दिए गए हैं, लेकिन अधिकार वही है
दरअसल सीआरपीसी की धारा 268 को बीएनएसएस की धारा 303 में तब्दील कर दिया गया हैं ,कानून कहता है कि किसी भी अपराधी पर यह धारा तीन ही सूरत में लगाई जा सकती है,
पहली वह अपराध, जिसके लिए अपराधी को जेल भेजा गया ,
दूसरी अगर उस अपराधी को किसी भी मामले में, या किसी और केस में जेल से बाहर निकाला गया तो उससे कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो सकता है ,या खुद उसकी जान को भी खतरा हो सकता है ,
तीसरी पब्लिक इंटरेस्ट इसे मीडिया ट्रायल भी आप कह सकते हैं, यानी उस अपराधी का वह केस, जो लगातार सुर्खियों में है ,तो लॉरेंस विश्नोई को इसी धारा की इन्हीं तीन वजहों से पिछले 14 महीने से साबरमती जेल के अंदर रखा गया है,
24 अगस्त 2023 को जैसे ही लॉरेंस विश्नोई बठिंडा जेल से साबरमती जेल पहुंचा, उसी वक्त आनन फानंन में गृह मंत्रालय ने तब की सीआरपीसी की धारा 268 लॉरेंस के साथ चिपका दी ,तब ये एक साल के लिए था, अभी दो महीने पहले जैसे ही अगस्त में साल पूरा हुआ ,गृह मंत्रालय ने लॉरेंस को जेल से बाहर निकालने पर रोक लगाने वाली इसी धारा ,को अगस्त 2025 तक के लिए बढ़ा दी ,
यानी अगले साल अगस्त के महीने तक हिंदुस्तान की कोई भी एजेंसी ,कोई भी राज्य पुलिस ,लॉरेंस या उसके गैंग की तरफ से किए गए, किसी भी जुर्म के लिए उसे अपने राज्य में बुलाकर या लाकर, उससे पूछताछ नहीं कर सकती, ना ही किसी अदालत से उसका ट्रांजिट रिमांड ले सकती है , यानी कुल मिलाकर किसी भी सूरत में कम से कम अगस्त 2025 तक का परमानेंट पता यही साबरमती जेल रेहगी ,
सवाल ये क्या बॉलीवूड पर में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा हैं,या फिर सलमान खान का राज सारे बोलीवूड पर चलता हैं, जिसमें तमाम सारे आरोप खान पर लगाए जाते हैं, जरूर बतायें