बिहार के शिक्षा मंत्री चर्चाओं में बने रहने के लिए एक बार फिर Ramcharitmanas पर विवादित बयान दे गए. कहा- मेरी जीभ काटोगे तो और चंद्रशेखर पैदा हो जाएंगे..
क्या हिन्दूओं का प्रसिद्ध धर्मिक ग्रन्थ रामचरितमानस पोटैशियम सायनाइड है. तो आपका जबाब होगा नहीं,क्योंकि जो सच्चा सनातनी हैं उसे राम और कृष्ण में पूरी आष्टा हैं
लेकिन कुछ एक नेता अपनी राजनीती को चमकाने के लिए धार्मिक ग्रंथों पर उल जलूल बातें करके प्रसिद्धी पाना चाहते हैं , लेकिन एक कहावत तो अपने सुनी होगी विनाश काले विपरीत बुद्धि। यानि मनुष्य का जब बिनाश आता हैं तो बुद्धि भी फेल हो जाती हैं ,ऐसा उदहारण आजकल भारत की राजनीति में देखने को मिल रहा हैं।
नमस्कार मेरा नाम निकेता हैं और देख रहे खबर एक्सपर्ट
दरहशल बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने एक बार फिर रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने रामचरितमानस को पोटैशियम सायनाइड बताया है, जिस पर विवाद हो गया है.
हम आपको बताते चलें कि हिन्दी दिवस पर 14 सितंबर को बिहार हिन्दी ग्रंथ अकादमी ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था. प्रोफेसर चंद्रशेखर इसके मुख्य अतिथि थे. उन्होंने यहां अपनी बात रखते हुए कहा कि रामचरितमानस में पोटैशियम सायनाइड है. जब तक उसमें ये रहेगा, तब तक वे इसका विरोध करते रहेंगे.
वायरल हो रहे वीडियो के मुताबिक, प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस के अरण्य कांड की एक चौपाई पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा,
“पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शूद्र न पूजहु वेद प्रवीणा’, इसका मतलब है कि गुणहीन ब्राह्मण भी पूजा के योग्य है. वहीं, गुण होने पर भी, वेदों का जानकार होने पर भी शूद्र, पूजा के योग्य नहीं है. ये क्या है? क्या इसमें जाति को लेकर गलत बात नहीं कही गई है?”
उसी दौरान शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने आगे कहा कि पिछली बार उनकी जीभ काटने की कीमत 10 करोड़ लगाई गई थी. अब उनके गले की क्या कीमत लगाई जाएगी?
और आगे बोलते हुए उन्होनें कहा “पचपन तरह का व्यंजन परोस कर उसमें पोटैशियम सायनाइड मिला दीजिए तो क्या होगा? हिंदू धर्म ग्रंथ का हाल भी ऐसा ही है. कई लेखकों ने भी ये बात कही है. बाबा नागार्जुन और लोहिया ने भी इनका विरोध किया है. रामचरित मानस को लेकर मेरी आपत्ति है और जीवन भर रहेगी.”
वहीं उन्होंने RSS प्रमुख पर भी बोलते हुए कहा की इस पर RSS प्रमुख बयान दे चुके हैं’
प्रोफेसर चंद्रशेखर ने आगे कहा कि उन्हें देश से बाहर जाने के लिए कहा जाता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत भी इसपर टिप्पणी कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि जब तक गटर में उतरने वालों की जातियां नहीं बदली जाएंगी, तब तक इस देश में आरक्षण और जातीय गणना की जरूरत पड़ती रहेगी. उन्हें कहीं क्यों नहीं भेजा जाता?
प्रोफेसर चंद्रशेखर इससे पहले भी रामचरितमानस पर कई विवादित बयान दे चुके हैं. वे इनका बचाव भी करते रहे हैं. 17 फरवरी को उन्होंने कहा था,
“भारत बाबा साहब अंबेडकर के संविधान वाला देश है. मैं भी शूद्र हूं. लेकिन मेरे पास ज्ञान है. इन लोगों को पता होना चाहिए कि मैंने केवल एक बार रामचरितमानस के खिलाफ बोला है.”
उन्होंने आगे कहा,”अगर ज़रूरत पड़ी तो मैं रामचरितमानस में बताए गए और श्लोकों के खिलाफ भी बात रखूंगा. ये कई जातियों और समुदायों के लिए अपमानजनक हैं. अगर वे धमकी देंगे. मेरी जीभ काट देंगे तो और चंद्रशेखर पैदा हो जाएंगे.”
और क्या कहते दिखे बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर देखिये वीडियो में
इस खबर पर आपकी क्या राय रामचरित मानस पर कोई भी आता हैं बोलकर चला जाता हैं ,क्या सब सही हैं,ऐसे लोगों का क्या होना चाहिए कमेंट बॉक्स में लिखें