योगी सरकार गांव गांव। घर घर बाँट रही अमृत
यूपी चुनाव से पहले प्रधानों पर योगी सरकार का कड़ा फैसला
अब पंचायतों में दिखेगा योगी मॉडल का जल कानून! हर गांव में दो-दो अमृत सरोवर बनाना अब मजबूरी नहीं, ये खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘अटल आदेश’ है!” जो नहीं बनाएगा झ्र उसका जवाब तय है!
उट योगी ने ह्यकॉन्फ्रेंस आॅफ पंचायत-2022ह्ण में कहा झ्र अब कोई प्रधान सिर्फ़ कुर्सी गर्म करने के लिए नहीं बैठा है। गांव को अमृत सरोवर दो — वरना तैयार रहो! सीएम योगी का यह स्टाइल अब हर योजना में दिख रहा है — जो नहीं करेगा काम, उसे मिलेगा एक्शन!
उट योगी ने साफ कहा झ्र “योजनाएं हवा में नहीं, जमीन पर दिखनी चाहिए!” यानी अब फोटुओं में फीता काटने वाले प्रधान नहीं चलेंगे, अब वही प्रधान चलेगा जो खेत में जाकर तालाब खुदवाएगा! ह्लअमृत सरोवर अब सिर्फ़ योजना नहीं झ्रये आपके काम का टेस्ट है।ह्व
सरकारी योजनाओं में लापरवाही नहीं चलेगी, बड़ी-बड़ी घोषणाओं का मतलब तभी जब गांव में बदलाव दिखे।ह्व झ्र उट ङ्मॅ्र
जो अधिकारी या प्रधान फाइलों में सरोवर बना रहे हैं —अब उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
अमृत सरोवर झ्र सिर्फ पानी नहीं, क्रांति है!
बारिश का पानी बचेगा
खेती की पैदावार बढ़ेगी
गांव की तस्वीर बदलेगी
और युवाओं को काम मिलेगा
और यही है “ङ्मॅ्र टङ्मीि’ ङ्मा फ४१ं’ ॠङ्म५ी१ल्लंल्लूी”!
गांव को बदलना है तो प्रधान बदलो… या फिर प्रधान को बदलने की ताकत दिखाओ!” योगी आदित्यनाथ का एक ही संदेश — “अमृत सरोवर बनाओ, वरना सत्ता और सिस्टम दोनों सवाल पूछेंगे!”
✅ 1. जल संरक्षण के योद्धा बनें:
ग्राम प्रधान अब सिर्फ योजनाएं लाने वाले नहीं, गांव के वाटर वॉरियर बनेंगे।
उन्हें तय करना होगा कि गांव में कहां, कैसे और कितने अमृत सरोवर बनेंगे।
✅ 2. जमीन की पहचान और अधिग्रहण:
गांव में ऐसी जगहें चिन्हित करना जहां बारिश का पानी इकट्ठा हो सकता है झ्र
जैसे बंजर जमीन, स्कूल/आंगनवाड़ी के पास खाली क्षेत्र, या पुराने तालाबों की सफाई।
✅ 3. समुदाय को जोड़ना:
गांव वालों की भागीदारी से निर्माण में पारदर्शिता और जनविश्वास लाना।
यानी ये तालाब पंचायत का गर्व बनें झ्र सिर्फ सरकार की योजना नहीं।
✅ 4. रोजगार के मौके देना:
मनरेगा जैसी योजनाओं से मजदूरों को जोड़कर गांव में ही रोजगार देना —
इससे पलायन भी रुकेगा और युवाओं को फायदा मिलेगा।
✅ 5. निगरानी और रखरखाव:
एक बार तालाब बन जाए, उसके बाद उसकी सफाई, गहराई और उपयोगिता की मॉनिटरिंग भी प्रधान की जिÞम्मेदारी होगी।
“अब प्रधान जी को सिर्फ बैठकों में चाय पीने का वक्त नहीं है, अब गांव के लिए अमृत खुदवाना है!””जो प्रधान तालाब बनवाएगा, वही जनता की तालियों के काबिल होगा।” “गांव में अमृत सरोवर दिखा तो वोट भी दिखेगा!”
अब देखना ये है कि आपके गांव का प्रधान तालाब खुदवाएगा या खुद की कुर्सी खोद देगा…क्योंकि उट योगी ने बात साफ कर दी है —
ह्यकाम दिखाओ, वरना कार्रवाई पाओ!ह्ण” गांव की तस्वीर तब बदलेगी जब नेता तस्वीर खिंचवाने के बजाय तालाब के किनारे मिट्टी उठवाने लगेगा। ह्लअमृत सरोवर सिर्फ जल नहीं, वो भरोसा है — जो योगी मॉडल से निकला है और प्रधानों की परीक्षा बन गया है।ह्व
तो अगली बार जब पंचायत चुनाव आए…अपने गांव में झील ढूंढना, नेता नहीं!ह्व
वीडियो को शेयर करो, ताकि हर गांव तक योगी का संदेश पहुंचे — अमृत सरोवर बने… और भ्रष्टाचार बह जाए!ह्व