करहल/मैनपुरी
संत विवेकानंद ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीनियर सेकंडरी स्कूल में अमर शहीद एवं महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की 94वीं पुण्यतिथि श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के निदेशक डॉ.जे.पी.यादव द्वारा चंद्रशेखर आजाद के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने से हुई। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि चंद्रशेखर आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया।
डॉ.जे.पी.यादव ने चंद्रशेखर आजाद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका जन्म 23 जुलाई1906 को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के भांवरा गांव में हुआ था। बचपन से ही आजाद में देशभक्ति की भावना थी। बनारस में शिक्षा ग्रहण करते समय एक आंदोलन के दौरान गिरफ्तारी हुई, तब उन्होंने जज के सामने अपना नाम “आजाद”, पिता का नाम “स्वतंत्रता” और जेल को “अपना घर” बताया। इसी घटना के बाद से वे ‘चंद्रशेखर आजाद’ के नाम से प्रसिद्ध हुए।
जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) से आहत होकर उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से बदला लेने का संकल्प लिया और असहयोग आंदोलन में भाग लिया। उनकी मुलाकात भगत सिंह, राजगुरु, अशफाक उल्ला खां और अन्य क्रांतिकारियों से हुई। लाला लाजपत राय की हत्या के विरोध में उन्होंने जनरल सांडर्स को मौत के घाट उतार दिया।
27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों से घिरने के बावजूद उन्होंने आत्मसमर्पण न करके आखिरी गोली खुद को मारकर वीरगति प्राप्त की।
विद्यालय की प्रबंधक श्रीमती सरिता सिंह ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद का जीवन हमें सिखाता है कि कठिनाइयों का डटकर सामना करें और अपने लक्ष्यों के प्रति अडिग रहें।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य चंद्रजीत यादव,कार्यक्रम के संयोजक दीपक यादव,सुधीर कश्यप,धर्मेंद्र,बृजेंद्र,सुनील,मोहित,सोनी,सुरेंद्र, संकेत,वीकेश,नजमा,निशा,अंशुल आदि लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-अजय कुमार
मैनपुरी