लोरेंस ने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ ,क्यों पकड़ा खून का रास्ता,कौन थी वो लड़की जिसे ज़िंदा जला दिया था,फिर शुरू हुआ मौत का खेल
कैसे कॉलेज में पड़ने वाला लड़का बन गया भारत का सबसे बड़ा गैंगस्टर ,लॉरेंस का सालों का प्यार कैसे हुआ तबाह ,
कहते हैं लॉरेंस बिश्नोई ,जिसके एक इशारे पर बड़े-बड़े सेलिब्रिटी का कत्ल हो जाता है ,और जिसके नाम से बड़े-बड़े चेहरे थरथर कापते हैं, क्या आपने कभी सोचा कि, क्यों लॉरेंस इतना बड़ा गैंगस्टर बन गया, इसके पीछे की वह कौन सी पहली घटना है ,जिसकी वजह से लॉरेंस ने क्राइम की दुनिया का रास्ता चुना,इसमें आप सभी को पता होगा कि चंडीगढ़ के, डीएवी कॉलेज में 2010 में एक लड़की को जिंदा जला दिया था, जिसके चलते लोरेंस ने गैंग की दुनिया में कदम रखा ,
लेकिन वोह लड़की थी कौन, कैसे उसकी लॉरेंस से मुलाकात हुई, लॉरेंस से उसके क्या रिश्ते थे, और साथ ही वह लॉरेंस की इतनी खास कैसे बनी ,
इन सभी सवालों के जवाब मिलने के बाद ,आपको लॉरेंस के गैंगस्टर बनने की पूरी कहानी समझ आ जाएगी, लॉरेंस आज भले ही एक खूनी गैंगस्टर हो, और भले ही इसने बड़े-बड़े सेलिब्रिटी की नाक में दम कर रखा हो ,लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब लॉरेंस एक साधारण जिंदगी जी रहा था ,
मगर एक घटना ने लॉरेंस को देश का सबसे बड़ा गैंगस्टर बना दिया, दरअसल लोरेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी 1993 में पंजाब के फिरोजपुर में हुआ, लॉरेंस एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखता था, उसके पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे ,लेकिन कुछ ही सालों बाद उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ दी ,और खेतीबाड़ी का काम शुरू कर दिया, लॉरेंस उस समय महज चार या पाच साल का था ,जब उसके पिता ने अहर के कान्वेंट स्कूल में उसका एडमिशन कराया ,यहां पर लॉरेंस की ही क्लास में पढ़ने वाली एक लड़की से उसकी दोस्ती हो गई, जैसे-जैसे दोनों उम्र के साथ आगे बढ़ रहे थे, वैसे-वैसे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गई, और फिर दोस्ती धीरे-धीरे प्यार बदल गई,
लॉरेंस और उसकी गर्लफ्रेंड ने एक ही स्कूल में 12वीं ,क्लास पास की, और आगे एक साथ पढ़ने के लिए दोनों ने चंडीगढ़ के ,डीवी कॉलेज में एडमिशन ले लिया ,यहां पर पढ़ाई के दौरान लॉरेंस को राजनीति का चस्का लग गया,और कॉलेज के छात्र संघ के चुनाव में उतर गया, इस चुनाव में लोरेंस के लिए कन्वेंस में ,उसकी गर्लफ्रेंड सबसे आगे रहती थी, लेकिन तमाम मेहनत के बाद भी लॉरेंस चुनाव हार गया, जिसके बाद लॉरेंस की जीतने वाले उम्मीदवारों से लगातार लड़ाई झगड़ा होता रहता था,
आए दिन दोनों पक्षों में मारपीट होती थी ,इस दौरान दूसरे पक्ष के लोगों ने, कॉलेज कैंपस में ही लॉरेंस की गर्लफ्रेंड को जिंदा जला दिया था, इस घटना से लॉरेंस बिश्नोई को तगड़ा झटका लगा, और वह सदम में आ गया था, यहां से लोरेंस के प्यार ने बदले की आग का रूप ले लिया था ,जिसके चलते उसने अपने कॉलेज के दोस्त संपत नहरा, और गोल्डी बराड के साथ मिलकर , कॉलेज कैंपस में ही दूसरे गुट के नेता को दौड़ा दौड़ा कर पीटा, और फिर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी, इस घटना के बाद लॉरेंस ,संपत नेहरा, और गोल्डी बराड, ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, और पढ़ाई छोड़कर खुलेआम अपराध की दुनिया में उतर गए, इन तीनों ने रंगदारी को मुख्य धंधा बना लिया ,जो भी उद्योगपति रंगदारी देने से मना करते, उन्हें पहले धमकी देते और फिर दिन दहाड़े अगवा कर हत्या करने लगे,
इन तीनों ने बहुत कम समय में अपने गैंग का विस्तार,चंडीगढ़ से बाहर पहले हरियाणा, पंजाब ,और फिर दिल्ली में कर लिया ,महज 4 साल में ही दिल्ली के तमाम गैंगस्टर इनकी छत्री, के नीचे आ गए ,इसके बाद इस गैंग ने राजस्थान ,मध्य प्रदेश,गुजरात और महाराष्ट्र में भी 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दिया ,लॉरेंस की उम्र 31 साल है ,और यह कई सालों से देश भर की, एक से दूसरे जेल में सफर कर रहा है, इस समय यह ड्रग तस्करी के मामले में गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, अभी हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने दावा किया है ,कि इसकी गैंग में 700 से अधिक शूटर हैं, हालांकि लॉरेंस के करीबियों की माने तो इसकी गैंग में मुश्किल से आठ नो शूटर ही हैं,
इनमें भी ज्यादातर अलग-अलग जेलों में है ,और वहीं से गैंग को ऑपरेट कर रहे हैं ,दरअसल इस गैंग ने वारदातों का पैटर्न करीब 5 साल पहले बदल लिया था ,तब से इस गैंग के लोग खुद किसी वारदात को अंजाम देने के बजाय, अलग-अलग स्थानों पर नए शूटर हायर करते हैं, इसके बाद इन शूटर्स को अपने हिसाब से ट्रेन करते हैं ,और वारदात के बाद उनका हिसाब किताब कर, अपना रास्ता अलग कर लेते हैं, कई बार इस गैंग ने एक ही शूटर को, दो या दो से अधिक वारदातों के लिए हायर भी किया है ,
हालाँकि पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हैं ,