योगी के बुल्डोजर की रफ्तार देख ,थर थर काँपने लगे खनन माफिया
सहारनपुर में 4440 करोड़ की सम्पति और यूनिवर्सिटी बिल्डिंग जब्त,
फरार खनन माफिया मोहम्मद इकबाल पर ED का एक्शन
बीएसपी के पूर्व एमएलसी के घर पर दौड़ा बाबा का बुलडोजर
लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद यूपी के सत्ता में एक नया परिवर्तन देखने को मिल रहा हैं ,बेसक यूपी में लोकसभा सीटें भाजपा की कम आईं हैं ,लेकिन गुण्डे ,मवाली,और खनन माफियाओं की क़याम आ रही हैं ,
सीएम योगी के अक्सर करके वीडियो वायरल रहते हैं ,गुंडे मवाली या तो यूपी छोड़ दें ,या फिर आपके स्वागत में यूपी पुलिस तैयार खड़ी हैं, यानी यूपी को क्राइम फ्री करने के लिए एड़ी छोटी का जोर लगा रहे हैं ,
ऐसे में उत्तर प्रदेश की सहारनपुर से एक बड़ा मामला सामने आया हैं जिसमें खनन माफिया की 4440 करोड़ की जमीन और यूनिवर्सिटी बिल्डिंग जब्त ईडी ने जब्त की हैं ,
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बीएसपी के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल (former MLC Mohammad Iqbal) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूर्व एमएलसी की 4 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को अटैच कर दिया है. यहां यूनीवर्सिटी की 4,440 करोड़ रुपये की कीमत की इमारत और जमीन कुर्क की गई है.
एजेंसी के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच एजेंसी ने एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था, इसके बाद 121 एकड़ जमीन और ग्लोकल यूनिवर्सिटी की इमारत को जब्त कर लिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा कि ये संपत्तियां अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर दर्ज हैं, इन पर मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के सदस्यों का कंट्रोल था.
मोहम्मद इकबाल, ट्रस्ट और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ की गई ये कार्रवाई अवैध खनन मामले से जुड़ी है. ईडी के अनुसार, पूर्व एमएलसी फरार है. माना जा रहा है कि वह दुबई में है. मोहम्मद इकबाल के चार बेटे हैं. बेटों और भाई के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जो जेल में बंद हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग का केस उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रेत खनन, पट्टों के अवैध नवीनीकरण और कई खनन पट्टा धारकों, कुछ अधिकारियों और अज्ञात लोगों के खिलाफ दिल्ली में दर्ज सीबीआई की एफआईआर से जुड़ा है. सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन मोहम्मद इकबाल ग्रुप के पास था. ये फर्म सहारनपुर और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थीं.
ईडी ने कहा कि आईटीआर (आयकर रिटर्न) में मामूली आय दिखाए जाने के बावजूद खनन फर्मों और मोहम्मद इकबाल के ग्रुप की कंपनियों के बीच बिना किसी व्यापारिक संबंध के करोड़ों के लेनदेन मिले हैं.