19 फरवरी को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिस प्रकार राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने से इंकार कर दिया उससे जाहिर है कि इंडी एलायंस में शामिल विपक्षी दल कांग्रेस और राहुल गांधी को खिलौना समझ रहे हैं। सपा भी इंडी एलायंस में शामिल है। अखिलेश यादव ने विगत दिनों कहा था कि राहुल गांधी की उत्तर प्रदेश की यात्रा के संबंध में कांग्रेस से कोई निमंत्रण नहीं मिला है। इसके तुरंत बाद कांग्रेस ने अखिलेश को राहुल की यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दे दिया। लेकिन 19 फरवरी को जब उत्तर प्रदेश में राहुल की यात्रा शुरू हुई तो अखिलेश यादव ने राहुल के साथ चलने से इंकार कर दिया। अखिलेश ने कहा कि पहले लोकसभा चुनाव की सीटों पर समझौता हो तभी उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ नजर आएगी। सीटों पर समझौता होगा, तब तक राहुल गांधी की यात्रा उत्तर प्रदेश में समाप्त हो जाएगी। यह पहला अवसर नहीं था, जब इंडी एलायंस में शामिल किसी दल ने कांग्रेस के साथ इतना बुरा व्यवहार किया। राहुल की यात्रा ने जब पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया, तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। इसी प्रकार अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। केजरीवाल ने तो गुजरात में तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भी घोषित करना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर में फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने भी अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। केरल में सत्तारूढ़ वाम दल भी कांग्रेस के साथ समझौता करने के इच्छुक नहीं है। उल्टे वामदलों ने राहुल गांधी से वायनाड सीट छोड़ने के लिए कहा दिया है। वाम दल के इस दावे के बाद राहुल गांधी किस संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे यह अभी पता नहीं है। राहुल गांधी की माताजी श्रीमती सोनिया गांधी ने तो लोकसभा चुनाव लडऩे से ही मना कर दिया है। सोनिया गांधी अब राजस्थान से राज्यसभा में जा रही है। सोनिया गांधी के मौजूदा संसदीय क्षेत्र रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेगी। इसकी घोषणा अभी तक भी नहीं की गई है। जानकार सूत्रों के अनुसार रायबरेली से चुनाव लडऩे में प्रियंका गांधी की रुचि नहीं है। प्रियंका को रायबरेली से हार का डर है। राहुल गांधी अमेठी से 2019 का चुनाव हार चुके है। कांग्रेस और राहुल गांधी ने जिन दलों को लेकर इंडी एलायंस बनाया वो ही दल अब कांग्रेस और राहुल गांधी को खिलौना समझ रहे हैं। हर दल का नेता राहुल और कांग्रेस को खिलौना मान कर उछाल रहा है। बिहार में तो नीतीश कुमार ने कांग्रेस को सत्ता से ही बाहर कर दिया और अब भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चला रहे हैं।