आज विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस पर रेलवे सुरक्षा बल, स्टेशन प्रबंधक और मंजरी फाउंडेशन के सहयोग से धौलपुर स्टेशन पर एक हस्ताक्षर अभियान और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया | रेलवे सुरक्षा बल, धौलपुर के इंस्पेक्टर विमल कुमार पचौरी नें जानकारी देते हुए बताया कि 30 जुलाई को संपूर्ण विश्व में ‘विश्व मानव तस्करी निरोधक दिवस’ मनाया जाता है। 2013 में, महासभा ने मानव तस्करी के शिकार लोगों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके अधिकारों के प्रचार और संरक्षण के लिए 30 जुलाई को व्यक्तियों की तस्करी के खिलाफ विश्व दिवस के रूप में नामित किया। उन्होंने कहा कि विश्वभर में बड़े स्तर पर मानव तस्करी का भयावह जाल फैला हुआ है। मानव तस्करी द्वारा मासूम जिंदगियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। पुरुष, महिलाएं और सभी उम्र और सभी पृष्ठभूमि के बच्चे इस अपराध के शिकार हो सकते हैं।
विस्थापन और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं की वजह से बच्चे तस्करों द्वारा शोषण का शिकार हो रहे हैं। जिनके पास कानूनी स्थिति का अभाव है, वे गरीबी में रहते हैं, जिनकी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा या अच्छे काम तक पहुंच सीमित है, भेदभाव, हिंसा या दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है, या हाशिए के समुदायों से आते हैं, वे अक्सर तस्करों के प्राथमिक लक्ष्य होते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2021 के अनुसार प्रतिदिन 8 बच्चों को भीख मांगना, यौन शोषण जैसे मकसद से तस्करी की जाती है |
धौलपुर स्टेशन अधीक्षक आर. पी.मीणा कहा कि हमें मानव तस्करी के विषय पर सभी को संवेदनशील बनाना चाहिए और इस प्रकार उन लोगों की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहिए जो रोकथाम के उपायों को मजबूत करने, पीड़ितों की पहचान में सुधार करने, बचे लोगों का समर्थन बढ़ाने के लिए बदलाव ला सकते हैं।
मंजरी फाउंडेशन के सत्येंद्र सैगर नें बताया कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन के सहयोग से ये कार्यक्रम आयोजित किया गया |